काल-आज रौ सांच राखजै

वाणी खींरै आंच राखजै।

कागद नवौ लिखण सूं पैला

जूना कागद बांच राखजै।

अेक सातूं भव री लागै

सखरी इणभव जांच राखजै।

बचियोड़ा टाणां है कितरा

हाथ थोड़कौ खांच राखजै।

मिनख मांयलै माणस सारू

पारस जैड़ो कांच राखजै।

कोरै भाटै कद पीसीजै

सिल्ला लोडी टांच राखजै।

स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक 6 ,
  • सिरजक : अशोक जोशी 'क्रांत' ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’