हर अेक आंखियां में डर है
गांव री दरद भरी डगर है
सूना है सगळा ई मारग
अंधारा में डूबियो घर है
टाबर री अेक लड़ाई सूं
उफणियो मिनखां में जैर है
पांखी आभै उडणै खातर
देख रया कटियोड़ो पर है
सही मन सूं म्हैं ई पूछियो
अै दुनिया रा कांई मंतर है