डोकरी रै सनेसां में हेज रा हबोळा
परदेसां रा पूत जाणै होय रैया बोळा
सभ्यता उछाळ भरै, जी में जंजाळ भरै
धुंआधार धाड़फाड़, करै है गबोळा
अेक तो जवानी, पछै धन, पछै खुली छूट
हाथै-बाथै कोनी रैवै, टींगरां रा टाळा
देस री गिनार के, त्याग री दरकार के
मन रा महाराजा रैवै बण्या मस्तमौला
पाप तो घणाई किया, अेकै सागै धोय लिया
तिरवेणी में कुंभ माथै, खाया जद झबोळा
गम खावै, गोता खावै, भाग रा भचीड़ा खावै
बापड़ा गरीब खावै, किस्मतां रा ठोला
बोलियां रै बाणां सूं, पिढ़ियां पथरायगी
पापाचार, भिस्टाचार, फिरै ओळा-दोळा
डोकरी रै सनेसां में हेज रा हबोळा
परदेसां रा पूत जाणै होय रैया बोळा