देख दिनाँ का फेर चिड़कली

राम नाम नै टेर चिड़कली

देर भलाँ होज्या दाता घर

पण ना हो अन्धेर चिड़कली

टेम बदळताँ सुख रा मण्डसी

बादळ घेर-घुमेर चिड़कली

उड़, पाँख्याँ पर राख भरोसो

क्याँ की चिन्त्या फेर चिड़कली

बुरै टेम रा खोज दिखै तो

बाँ पर बाळू गेर चिड़कली

मन री चाई तुरन्त करीजे

मैंगी पड़ज्या देर चिड़कली

धर धीरज, या रात कटैली

आसी फेर सबेर चिड़कली

पाळो, अंधड़, लू सैवणनै

बणनो पड़ै दिलेर चिड़कली

अरथ सही जीवण जीणै रो

मिल ज्यासी तू हेर चिड़कली

सदा सोचजे, के ल्याई ही

के जावैली ले'र चिड़कली

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : जयकुमार ‘रुसवा’ ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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