भासण देणो है आसान,
मुस्किल है करणो गुणगान।
जीं पर बीतै, बो ही जाणै,
दुख लेजावै कियां जान।
रोटी रा टुकड़ा रै खातर,
गिरवी व्है जावै ईमान।
पीढी सूं पीढी खप जावै,
फेर भी कोनी मिलै मकान।
किण—किणनैं समझावां' पूजा',
दुनिया व्हैगी अेक दुकान।