थारै सिर पर पैणा नाग

मिनख रै मूंडै आया झाग

पळकते माथै पर क्यूँ दाग

लगा दी घर-घर में कुण आग

लाडला जाग सकै तो जाग।

मूरख्या जाग सकै तो जाग॥

कुणसै मिनख थारी जीभ डाम दी

कुणसै मिनख थारा कुतर्या कान

कुणसै मिनख थारै पचियां नै पींच्या

कुणसै मिनख थारो मार्यो मान

कुणसै मिनख थारी लाज लूटली

कुणसै मिनख थारी राखी काण

कुणसै मिनख थारै बचियां नै बैच्या

कुणसै मिनख थारो खायो धान।

अब, सोच-समझ कर चाल

बंद कर रोज बजाणा गाल

चटोरा चाटर्या है माल

लाडला पाल सकै तो पाल।

थारै सिर पर बैठ्यो काग

हंसला गावै रोणी राग

जलम सूं थारै लागी लाग

दरद री लेणी पड़सी थाग

चमकतै चैरां पर क्यूं दाग

लाडला जाग सकै जाग

मूरख्या जाग सकै तो जाग॥

कुणसो लगावै थारै घर में चूंचकी

कुणसो उजाड़ै थारा हाट-बजार

कुणसो उछाळै थारै सिर को सेवरो

कुणसो उगावै थारै पीड़ हजार

कुणसो लगावै थारै लाह कूकरा

कुणसो भगावै थानै बीच बजार

कुणसो नचावै थारै मन रा मोरिया

कुणसो बणावै थारी बात हजार

बैठ बता, कर बात

अणूती लोगां कर ली घात

खेलणो है अब देणी मात

ऊगसी सोनलियो परभात।

थारै घर में लागी आग

बुझाणी है तो बेगो भाग

लोग तो खेलर्या है फाग

पटकसी थारै सिर की पाग

लगा दी घर-घर में कुण आग

मुळकतै मुंह पर क्यूं दाग

लाडला जाग सकै तो जाग।

मूरख्या जाग सकै तो जाग॥

स्रोत
  • पोथी : अंतस तास ,
  • सिरजक : मोहम्मद सदीक ,
  • प्रकाशक : सलमा प्रकाशन
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