फीडी फीडी जूतड़ी, घाबा लीरम लीर।

काख उठाया काळजो, डील चीरम चीर।

बोपारी चालैं कार में, थारै मरेड़ी डाग।

उण रा पढैं परदेशां में, आछा फूट्या भाग।

झूठा झांसा दे'र दे'र, काम बिगाड़ै राज।

किरसां तेरी फूट सूं, धूड़ मोल में नाज।

अडाणै मे'ल बैंकां र, ले लिया मोटा लोन।

टैक्टर चालै किश्तां में, नितरा आवैं फोन।

धान निपजावै रीजगे, मोल करै तब और।

लूट खावैं कुमाणसी, कर लेइयो अब गौर।

दो पगां री गाडोली, टूट्या टूट्या पाँव।

होळै होळै चाललै, ज्यावैलो गाँव।

मेरा आँसु मैं राखूँ, तु राख तेरी आँख।

पंछी पंछी नीं रवै, कट ज्यावैं जद पाँख।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : कुलदीप पारीक 'दीप' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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