नैणा सूँ हेला मत पाड़ै
हिवड़ा पै गेला मत पाड़ै
थारी म्हारी चुगली सारो गाँवड़ो करै
जात पाँत सूँ छोरो भापड़ो डरै
थारा म्हारा सपना आंकुर
अर अंगीरां की क्यारी छै
तू म्हहीं म्हूँ त'ईं चाहूँ
पण जात्याँ आडै आ'री छै
जीजी सूँ मन की बात करूँ,
व्हा बोलै बहण कुवांरी छै
दादो बात को घणी पाँवा-पागड़ो धरै
ज्यांपै थारी खुरपी चाली
व्ह मूंगफळयाँ छै लड़ांझड़ां
थारी मुळकण पड़ जावै तो
बेगा सा पाकै गेहूँ-चणां
तू लूरो करबा आवै जद
पाणत करतो रुँ रात दनां
ऊँ दन फूल सूँ भी फोरो म्हारो, फावड़ो चलै
गायाँ थारी छायाँ दाबै
मारकणी का थण तरड़ावै
जीं नंदी म्ह तू पाँव धरै
व्हा बारामासी हो जावै
थारा कोरा कळस्या छूकै
कूआ को पाणी इतरावै
जद तू बेवड़ो उचै, गगरा नीत ढुळै
ज्यांनै आपण पाळ्या पोस्या
व्हां को बस्वास कस्यां तोड़ां
सारी दुनिया मूँडो मोड़ै
जे आपण यो सगपण जोड़ां
भायला छाँव खज्यूर्यां की
क्यूं आपण बड़ पीपळ छोड़ां
ऊमर दाझण्याँ मरै अस्यो' तावड़ो पड़ै