कोई देखै फर फर
कोई आह भर भर
कोई कहे म्हारै लेखै
बैठी रै उमर भर
छोरी धन धन थारो मोट्यारपणो
जीपै मर मर जावै जणों जणों
डील ऊपरै सरस्यूँ फूली
सांसा मँ गंधावै धणों!
जवानी को जोड़ कांईं
ईं नशा को तोड़ कांईं
रूप की रकम छै या
जोड़ राखो पाई पाई
या पूंजी तो वा छै जीनैं
खरचो मत, बस गणो ई गणो।
प्यार मै दिवानी लागै
रोस मं सुहाणी लागै
फूल को पराग, कदी
ओस की नूराणीं लागै
ईं उमर की अमरबेल पै
ईंको छै अहसान घणो।
देवता को अंश ईं मै
आग छै उजास छै
जिन्दगी कै ओळ्यूँ-दोळ्यूँ
ईंको महारास छै
ईंको कद ऊपर उट्ठे तो
पूगै छै आकास तणो!