व्हैला आवो ने मेबाबा वाट जोवुं तमारी
तरसी थई धरती माता गऊ बैठी दुखियारी
व्हैला आवो...
मोर ने मोरणी देको ताकी रयं अंगासे
पपैया बोले पीयू पीयू पाणी हारु तरसे
कोयल राणी बैठी सानी थई उदास भारी
व्हैला आवो...
वैसाख मंय झेल्यो हरते ऊनो ऊनो वायरो
जेठ मइने तो काळजू बळी थयूं हातरो
अषाड़ पैली आशा पूरो अरज हांबरो म्हारी
व्हैला आवो...
मेबाबा ने राजी करवा हवन करावूं
पाणी भरी गागेर थी शिवजी ने डुबाडूं
कामणगारा वादरा नी करी लो सवारी
व्हैला आवो...
नानके तो कागज नु नावडु बणाव्यु
नानकी ए हैंसवा हारु डारु हबाव्यु
झरमर वरसी उगाडी दो मेबाबा नी छतरी
व्हैला आवो...