ब्याव बीनणी बिलखूं म्हैं तौ कद परणासी बाबलियो।

सगळा साथी परणिज्या म्हैं तौ रयौ कंवारो टाबरियो।

जोसी थारा पगल्या पूजूं दिन देखो परणीजण रौ।

बाबलियै जा समझा दे ढूंढ़ै समधणजी रौ।

बींद बणूंला घोङै चढूंला कद निरखूंला सासरियो।

सगळा साथी परणिज्या............।

साथीङां रै छोरा-छोरी घर भर्‌योङौ जद देखूं।

सारी रात धमीङा लेऊं, सूनो-सूनो घर देखूं।

म्हारै मन री मन में रैगी, कद हुलरा स्यूं हालरियो।

सगळा साथी परणिज्या............।

छम छम करती लारै चालै म्हैं निरखूंला मुङ-मुङ नै।

फुलङां सेज सजाऊंला, मलवार करूं ला लुळ-लुळ नै।

कोड करूंला मोद करूंला जद सुणुं ला झांझरियो।

सगळा साथी परणिज्या............।

सांझ पङ्यां दिन आथैंला जद म्हैं बेगौ घर जाऊंला।

लाज लजीली झमकूङी रा सगळा कोड पुराऊंला।

काजळ टीकी नथ बोरियौ और ल्याऊंला फागणियो।

सगळा साथी परणिज्या............।

घणा टाबरिया दुखङौ सुणियौ, दो टाबरिया मोकळा।

अणूंता अरङावै टींगर, ढीम बाय रा ढोकळा।

हीलो गासी गजबण म्हारी हींडो देती हालरियो।

सगळा साथी परणिज्या............।

स्रोत
  • पोथी : मारुजी लाखीणौं ,
  • सिरजक : कालूराम प्रजापति 'कमल'
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