आजादी री रणभेरी रो, राणा बिगुल बजायो हो।
कांटा पर आजादी चालै, पलड़े तोल बतायो हो।
जद राणा बिगुल बजायो हो॥
धरम-करम नै भूल भालकर, बड़ा-बड़ा राजा सारा।
किस्मत बेची अस्मत बेची, मिलग्या दुश्मण सूं सारा।
जातां-जातां हिन्दुपण रो राणा थंब रुपायो हो।
जद राणा बिगुल बजायो हो॥
जाबा लागी रजपूती री, मूंच्छ्यां री एंठण बांकी।
धड़क उठी राणा री छाती, चट रण म जूंझ्यो हाथी।
हल्दीघाटी मूंडा आगै, कितरो खून बहायो हो।
जद राणा बिगुल बजायो हो॥
ठेठ मथारे डूंगर री वे, मंगरा री घाट्यां बोले।
कांकड़-कांकड़ मेवाड़ा री, मूक हुई वे जय बोले।
आजादी खातर राणा जी, बन-बन में भटकायो हो।
जद राणा बिगुल बजायो हो॥
आजादी पलड़ा इक माही, दूजे पलड़े दुख भारी।
टुकड़ा पर टाबरियो रोयो, राणा ने हिम्मत हारी।
दुख: में कस्यो कसोटी सोनो, निकळ्यो तप्यो तपायो हो।
जद राणा बिगुल बजायो हो॥
आजादी रो पाठ पढ़ायो, राणा ने रग सूं तोल्यो।
सुण-सुण वण री अमर कहाणी,जण-जण रो, मुखड़ो बोल्यो।
आजादी रो बीजारोपण, आज रंग ले आयो हो।
जद राणा बिगुल बजायो हो॥
जब तक चांद सितारा जग म, राणा थारो जस रहसी।
सुण-सुण वण री अमर कहाणी, रह-रह कर मनड़ो भरसी।
जुग-जुग तक गाता जावेला, गीत मंडेलो गायो हो।
जद राणा बिगुल बजायो हो॥