काबू करो एने नैतो घड़ी मयं पलटी खाय,

आतो हइयू कैवाय,आ हइयू थणगण थाय।

बैटु वै चार मनकं मयं तो ठावू-ठस थई जाय,

नै मले जो मान मनुवेर तो झट्ट करमाइ जाय,

आतो हइयू कैवाय....

वाते करै देस मयं हवै भ्रस्टाचार मटावो,

कड़क मलें जो गांधीवारा तरत ललचाइ जाय,

आतो हईयू कैवाय...

लाख्खो वार करै जो वैरी हैजे झेली जाय,

आपडा मान्या आँखे फैरवें तरत कत्तल थाय,

आतो हईयू कैवाय...

पारके तापणे टाड उड़े एने फावी जाय

घौर मयं बैठी अनपुरणा तोय बटकं हुदवा जाय,

आतो हईयू कैवाय......

जुनू एटलु होनू क्हे ने नवा नी काड़े खोट,

जीन्स पहेरीने पीज़ा बर्गर चाऊमीन खावा जाय,

आतो हइयू कैवाय....

नेता देकी दण्डवत् करै वायरा साथै फरै,

सरकार ने रोज़ गाळां दे ने वोट वांहै वैचाय,

आतो हईयू कैवाय हईयु थणगण थाय।

स्रोत
  • सिरजक : आभा मेहता 'उर्मिल' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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