म्हारा मोगेरा लाल,तू झट पाछौ आव।

आवी जा ने एक वेळा,उणियारो तो भाळ,

म्हारा.....

करम फूटा नो काळो दाड़ो वरसो पैली उग्यो'तो

हक्कन लइने राजी-बाजी तू परदेस पुग्यो'तो

म्हु भोळी हूं जाणू म्हारी ममता रुवे काल

म्हारा मोगेरा.....

हाते भणता भाईबन्द तारा छौरां वाळा थईग्या।

घोड़े चडतो तने जौवा सपनाँ म्हारा वहीग्या।

वडारिया मशकरी करैं, वैरी ठोंकें ताल

म्हारा....

तारा बापा रोज कंएँ के ऊणनै वर आवेगा।

घणु कमणो आपडो बेटो घौर भरी देगा।

ऊण ने पौर गणते-गणते धौळा थइग्या वाळ

म्हारा......

वांधा मंय जो पड्यो वै तो मने बताड़ी देजै।

पैसों टको जुतौ वै तो तरत मांगी लेजै।

धन-दौलत ने हूँ करवी है सूड़ी दे जंजाल

म्हारा.....

गरस्ती नूं गाडू अवे एकले ताणवु भारी।

आव्यू गड़पण हवे म्हारी हिम्मत गई है हारी।

जीव ना हौगन तने,जीव जाते पैली आव

म्हारा....

स्रोत
  • सिरजक : आभा मेहता 'उर्मिल' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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