अेक नान्ही-सी चिड़कली नैं देख हियो म्हारो हुळस्यो
देख के बीं रा करतब म्हारै नैणां सूं जळ बरस्यो
चुग्गै ही बा अेकली, छाजा पै बैठी दाणा
जाणै कठ्यां सूं आया कागला, ऊंपै झपटया बै मरजाणा
देख अेकली चिड़कली नैं, वांरी भूख दूसरी जागी
जाण के वांरै मन की चिड़कली, मूं फेर उडबा लागी
उण दुष्टां रै बीच में वा, फंसी चिड़कली अेक
मैं लियो कांकरो हाथ में, अस्यी अनीति देख
ऊं सैं पैल्यां चिड़कली, वांरी उड-उड फोड़ी आंख
कागलिया घायल हुया, टूट गया वांरा पांख
देख चिड़कली री हुंसियारी, हिवड़ै नैं मिल्यो सिंवात
म्हारै साथै मैं म्हारी चिड़कली, मैं भरली ऊंनै बाथ
फुर-फुर, फुर-फुर उडी चिड़कली, नाप लियो आकास
मैं बोली मत डरजै चिड़कली, तुं कर खुद पै बिस्वास।