काळी वादळी तो उतरी अंगासे रे,
मोर बणी म्हारू मनडू नाचै रे
मोकल्यो सन्देसो म्हारा वीराए आज तो,
बेनी आवूं म्हुं तेड़वा दिवासे रे....
मोर बणी म्हारू....
मूँड़े मलकतँ नणद बाई बूल्यँ,
आलो ने भाभी ल्हेरिया नी रीत रे
जमुं मालपुआ खीर ने पतासे रे...
मोर बणी म्हारू .....
आलूँ नणंद बाई ल्हेरिया नी रीत रे,
हायरे सोभे बेन जगत नी प्रित रे।
पहेरी ल्हेरियू ने जाजू पियू पासे रे..
मोर बणी म्हारू......
वीरा तमें आवो तो लहेरियू लावजु,
लावजु रे बंगड़ी नी जोड़ रे।
जोजू भुल्या तो नणदल तमासे रे...
मोर बणी म्हारू.....
उड़ता वायरिया पीयूजी ने कैजू,
परदेसी पोपट ने हम्बारण दैजू।
आवै तेड़वा म्हुं बैठी दिलासे रे..
मोर बणी म्हारू......