हां रै भाई कट ज्यां गा करम कळेश
अंखियां खोल गुरु कानी देख
अैं बंगलै नै ब्रह्मा जी चीणायो
हां रै भाई बे’माता लिख दिया लेख
अंखियां खोल गुरु कानी देख
अैं बंगलै में कुण कुण बैठ्या
हां रे भाई ब्रह्मा विष्णु महेस
अंखियां खोल गुरु कानी देख
अैं बंगलै में अटल जोत है
हां रे भाई बिन बाती बिन तेल
अंखियां खोल गुरु कानी देख
अैं बंगलै में नौ दरवाजा
हां रे भाई दसवों खोल गे देख
अंखियां खोल गुरु कानी देख
अैं बंगलै में चौसठ पैड़ी
हां रे भाई ऊंचो चढ़ गे देख
अंखियां खोल गुरु कानी देख
हां रै भाई कट ज्यां गा करम कळेश
अंखियां खोल गुरु कानी देख।
(संदर्भ – मिनख रै शरीर नै गुरु पंच तत्त्व रो बंगलो बतावै अर भगवान री भगती करण सारू प्रेरित करै)