म्हारै आंगण पीपळ रो पेड़ झड़-झड़ पीपळ झड़ पड़ै।
सुसराजी ल्याया छैं बीण, पीपळ पीवो म्हारी कुल बऊ॥
म्हे नी पीवां म्हारा सुसराजी, पीपळ म्हानै लागै चिरपरी।
दाजैली कमल बदन सी जीब, पीपळ लागै म्हानै चिरपरी॥
थांका हालरिया ने हलवो जी हलवो दूध,
नखराली ने पीपळ गुण करे।
म्हांका सायबजी ल्याया छै बीण, पीपळ पीवो म्हांकी गोरड़ी॥
थांका हालरिया ने हलवो जी हलवो दूध,
नखराळी ने पीपल गुण करे।
पीपळ ले जच्चा पी गई, राख्यो छै आपणा सायबजी रो मान॥