धरती तूं सभागणी, इंदर जेसौ भरतार।
पैरण लीलो कांचुओ, ओढण मेघ-मल्हार॥

सहर जानी दरभजळ, ढोल धरमंक्कै गाज।
बीजां चिराखां होए रयै, इंदर परणीजै आज॥ 

मेहां सुधारण बीजळी, सरवर सुधारण पाळ।
बाप सुधारण दीकरौ, घर सुधारण नार॥

गीत : झिरमिर बरसै मेह 

बादीला ढोला 
झिरमिर बरसै झीणा मेह 
रोंसीला ढोला 
झिरमिर बरसै झीणा मेह
झिरमिर- झिरमिर मेवला बरसै
आभै चमकी बीज 
बादीला ढोला 
झिरमिर बरसै झीणा मेह

सावण आयो 
हांजी भादरवौ रे 
आयी री सावण तीज रे 
बादीला ढोला 
झिरमिर बरसै झीणा मेह
रोंसीला ढोला 
झिरमिर बरसै झीणा मेह
आप बसो परदेस 
बादीला ढोला 

झिरमिर बरसै झीणा मेह
मोर पपैया दादर बोलै
कोयल सर मचावै
बादीला ढोल 
झिरमिर बरसै झीणा मेह 
रोंसीला ढोला 
झिरमिर बरसै झीणा मेह

सहलियां रै संगड़ै चाली 
हींडण जाऊं तीज रे 
बादीला ढोल 
झिरमिर बरसै झीणा मेह 
रोंसीला ढोला 
झिरमिर बरसै झीणा मेह

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