चै-चै करती चिड़िया बोली
काग इज बोल्या काळा रे
मात जसोदा मईड़ो बिलोवै
कर कांकण झणकारा रे
तम सां रे मनवा लाग रयी
जागो दीनदयाळा
जागो मोहनप्यारा
जागो श्री राम
मात जगोवै जाग कनैया
जागो बिरधरखवाळा रे
मिलकर गोपी मंगळ गावै
सज सोळह सिणगारा रे
तम सां रे मनवा लाग रयी
जागो बंसीवाळा
जागो मोहनप्यारा
जागो श्री राम
गौअन के गळ बंधणा छूटा
लारै फिरत लोहारा रे
साम्ही पीड़ी वन में चाली
घर-घर खुलत किवाड़ा रे
तम सां रे मनवा लाग रयी
जागो दीनदयाळा
जागो मोहनप्यारा
जागो श्री राम
बाखळ सां वौ तपसी ढळ्यौ
आयो स्हैर-वजारां रे
सूरदास कैह परभु तमारे भजन में
द्यौ दरसण मुझे प्यारा रे
तम सां रे मनवा लाग रयी
जागो दीनदयाळा
जागो मोहनप्यारा
जागो श्री राम