(दंपति वर्ग)
सुणौ जी भंवर, म्हानैं सुपनौ सो आयो जी राज, सुपनै रो अरथ बतावो जी राज।
कहो अे गोरी, थांनै किण विध आयोजी राज, सुपनैं रो अरथ बतावां जी राज।
हंस-सरवर ढोला, गूंजत देख्यौ जी राज, मानसरोवर भरियौ राज।
बागां मांयला चंपल्या म्हे फूलत देख्याजी राज, फूल बीणै दोय कामणी राज।
पोळ्यां मांयला हसती म्हे हींसत देख्याजी राज, हरी-हरी दूब घोड़ा चरै राज।
आंगणिया रा चोक म्हे पूरत देख्या जी राज, ऊपर कुंभ कळस धरियौ राज।
महलां मांयलौ दिवलो म्हे जगतो सो देख्यो जी राज, दिवलै री जोत सवाई जी राज।
हंस सरवर गोरी, पीहर तुम्हारो जी राज, मानसरोवर थांरो सासरो राज।
बागां मांयला चंपल्या वै वीर तुम्हारा जी राज, फुलड़ा बीणै थांरी भावजां राज।
पोळ्यां मांयला हसती देवर-जेठ तुम्हारा जी राज, कुंभ-कळस थांरी कुळबहु राज।
महलां मांयलो दिवलो, वो कंथ तुमारो जी राज, दिवलै री जोत सायबाणी जी राज।
धन-धन जी सुसरा जी रा छावा जी राज, सुपनै रो अरथ भलो दियो राज।
धन-धन अे साजनियां री जाई जी राज, सुपनै रो अरथ भलो लियो राज।
रूपै की रोळी, सुहागां री पूड़ी जी राज, पूत जण्या म्हारो घर भरियो जी राज।