काळी रे काळी काजळिये रे रेख जी
कोई भूरोड़ा बुरजाँ में चमकै बीजळी
माड़ेची ए मूमल हालै तो ले चालूँ अमराणे रे देस
सीस तो मूमल रो सरुप नारेळ जी
कोई चोटी तो मूमल री वासंग नाग ज्यूँ
रंग भीणी ए मूमल हालै तो ले चालूँ अमराणे रे देस
लिलवट तो मूमल रो आँगळिये चार ज्यूँ
कोई भौंहा तो मूमल री मृग लोचणा
रंग मीठी ए मूमल हालै तो ले चालूँ अमराणे रे देस
नाक तो मूमल री सुवटिये री चोंच ज्यूँ
कोई आँखड़लै तो मूमल री रतन नाडिया
राणे री ए मूमल हालै तो ले चालूँ अमराणे रे देस
दाँत तो मूमल रा दाड़मीये रा बीज ज्यूँ
कोई होठ तो मूमल रा रेशम रा डोरड़ा
मन मीठी ए मूमल हालै तो ले चालूँ अमराणे रे देस
हाथ तो मूमल रा चम्पाकीये री डाल ज्यूँ
कोई केसर झरनी मूमल री कळाईयाँ
राणे री ए मूमल हालै तो ले चालूँ अमराणे रे देस
पेट तो मूमल रो पीपळिये रे पान ज्यूँ
कोई हिवड़ो तो मूमल रो काचे धाग ज्यूँ
रंग भीणी ए मूमल हालै तो ले चालूँ अमराणे रे देस
पाँव तो मूमल रा चाँदी के रे खाम्भ ज्यूँ
कोई ऐडीयाँ तो मूमल री हिंगळू ढाळीया
राणे री जे मूमल हालै तो ले चालूँ अमराणे रे देस।
(संदर्भ - मूमल रूप वरणण)