जामी जी गै आंगण बैठी बनड़ी कागज राळै जी

भली जुगत से आइयो बनड़ा माता कामणगारी जी

आडा-टेढा भर्‌या सरोवर पाणी गी पणीहारी जी

देखो अे सिरदार बन्नै गी जान कांकड़ां आई जी

भरी चोट गो पंडत उतर्‌यो सूखेड़ो सो नाई जी

सत्तर मण गो सग्गो उतर्‌यो अस्सी मण गी सग्गी जी

बाई गै बनड़ै नै तोल्यो पाना-फूलां उतर्‌यो जी

नणदल गो तो कैणो के बांगो रूप झड़-झड़ पड़ै जी

म्हारी लाडली गो तो कैणो के सूणो घर-वर टोयो जी

देवरियै गो कैणो के बो छोरी ढूंढतो फिरै जी

बनड़ै गै मामा जी गो कैणो के बै पेट कूटता फिरै जी

बनड़ै गै फूंफा जी गो कैणो के बै होको ढूंढता फिरै जी

दोलड़ दीयो दान बाईज नै सबकी टेकी राखी जी।

(संदर्भ बनड़ी रै ब्याव रै दिनां में गावण रो गीत)

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