बेड़लो म्हारो रे
बेड़लो म्हारो जळ सूं भर्यो
बेड़लो म्हारो नजरड़ी फोड़्यो
आज धरा में रे धूंधळो लाल
मोटी छांटां रौ बरसै मेह
बेड़लो म्हारो नजरड़ी फोड़्यो
झीलर भर्या होवै नाडिया लाल
भर्यो भीमतळाव
बेड़लो म्हारो नजरड़ी फोड़्यो
साथणियां रे होवै संगड़े चाली
पाणी नों चाली रे पणिहार
बेड़लो म्हारो नजरड़ी फोड़्यो
बीजियां सहलियां
भरिया बेड़ला लाल
म्हारी हिंडाणी तिर-तिर जाय
बेड़लो म्हारो नजरड़ी फोड़्यो
भींत चड़ै रे वरंडे जोवियौ रे लाल
दीसै म्हारै अमरांणै रा झाड़
बेड़लो म्हारो नजरड़ी फोड़्यो
रूपा-हिंडाणी रे सोना बेड़लो रे लाल
भरियो म्हैं तो सरवरिये री पाळ
बेड़लो म्हारो जळ सूं भर्यो
बेड़लो म्हारो नजरड़ी फोड़्यो