मेहंदी निपजै माळवै
आई ऊमरकोट
मेहंदी बाई रे लाल
लाय उतारी चौक में सौदागर
फिर-फिर जाय
मेहंदी म्हे बाई रे लाल

लेसी बामण बाणीया कोई
लेसी धीवड़ीयां री मांय
मेहंदी म्हे बाई रे लाल
रतन कचोळै ओलस्यां कोई
मांय गंगाजळ नीर
मेहंदी म्हे बाई लाल।

मेहंदी

मेहंदी निपजे मालवा आई उमरकोट

मेहंदी बोई रे लाल

लाकर उतारी चौक में सौदागर ने

खरीददार जा रहे हैं

मेहंदी बोई रे लाल

खरीदेंगे ब्राह्मण या महाजन

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी साहित्य में पर्यावरण चेतना ,
  • संपादक : डॉ. हनुमान गालवा ,
  • प्रकाशक : बुक्स ट्रेजर, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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