देव कहा दानव कहा, असपति कहा यु आइ।

राजसिंह महाराण सौं, जीति कोई जाइ॥

स्रोत
  • पोथी : मान-राजविलास (राजविलास) ,
  • सिरजक : मानसिंह ,
  • संपादक : मोतीलाल मेनारिया ,
  • प्रकाशक : नागरीप्रचारिणी सभा, काशी
जुड़्योड़ा विसै