ऊंचा डाळां मांडिया हींडा तकड़ी डोर।

हींडै ऊभी तीजण्या कर-कर पूरो जोर॥

भावार्थ:- ऊंचे डालों पर मजबूत डोरियों से झूले डाले गये हैं और तीजनियां खड़ी-खड़ी पूरे जोर से झूल रही हैं।

स्रोत
  • पोथी : बादळी ,
  • सिरजक : चंद्र सिंह बिरकाळी ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रंथागार, जोधपुर (राज.) ,
  • संस्करण : छठा
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