ऊसस्सै नै सासियो, धिखियौ दांणव-राह।

हिंदू ग्राध आवही, नहीं मळेछै मांह॥

स्रोत
  • पोथी : मुहता नैणसीं री ख्यात, भाग 2 ,
  • संपादक : जिनविजय मुनि ,
  • प्रकाशक : राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम