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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
सुने बहुत उपवास में
साहबराम राहड़
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सुने
बहुत
उपवास
में,
इनमें
नहीं
कुछ
सार।
व्रत
अमावस
को
को
सही,
कियौ
वेद
साधार॥
स्रोत
पोथी
: जम्भसार, भाग-1-2
,
सिरजक
: साहबराम राहड़
,
संपादक
: स्वामी कृष्णानंद आचार्य
,
प्रकाशक
: स्वामी आत्मप्रकाश 'जिज्ञासु', श्री जगद्गुरु जंभेश्वर संस्कृत विद्यालय, मुकाम,तहसील-नोखा, जिला- बीकानेर
,
संस्करण
: प्रथम