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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
सतगुर कहि समझावियो
कान्होजी बारहठ
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सतगुर
कहि
समझावियो,
सतगुरु
कहै
स
साच।
ध्यावै
सरस
संभरा
धणी,
वचन
अवचल
वाच॥
स्रोत
पोथी
: पोथो ग्रंथ ज्ञान
,
सिरजक
: कान्होजी बारहठ
,
संपादक
: कृष्णानंद आचार्य
,
प्रकाशक
: जांभाणी साहित्य अकादमी, पुरस्कार
,
संस्करण
: प्रथम
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