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पीपा मन हरख्यौं फिरै
संत पीपाजी
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पीपा
मन
हरख्यौं
फिरै,
समझे
नही
गंवार।
राम
बिना
जाणै
नही,
पावाँ
तणा
पहार॥
स्रोत
पोथी
: राजर्षि संत पीपाजी
,
सिरजक
: संत पीपाजी
,
संपादक
: ललित शर्मा
,
प्रकाशक
: राजस्थानी ग्रंथागार, जोधपुर
,
संस्करण
: प्रथम