पांणी को पिंड पूतलो। पांणी सोभा अंग।

जो पांणी मुख तै गयौ। तो सोभा रहै संग॥

स्रोत
  • पोथी : मध्यकालीन कवयित्रीयों की काव्य-साधना ,
  • सिरजक : सोढ़ी नाथी ,
  • संपादक : डॉ. (श्रीमती) उषा कँवर राठौड़ ,
  • प्रकाशक : महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध-केंद्र, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम