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साइट: परिचय
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अंजस सोशल मीडिया
धन चाहें जो बिनज करि
उम्मेदराम बारहठ
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धन
चाहें
जो
बिनज
करि,
मान
चहें
भजि
राज।
जो
सुत
चहें
तु
ग्रेह
करि,
करि
गुर
विद्या
काज॥
स्रोत
पोथी
: उम्मेद ग्रन्थावली
,
सिरजक
: उम्मेदराम बारहठ
,
संपादक
: डॉ. मंजुला बारैठ
,
प्रकाशक
: कलासन प्रकाशन, बीकानेर (राजस्थान)
,
संस्करण
: प्रथम
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