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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
बड़ कुल बाल विवाहिये
उम्मेदराम बारहठ
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बड़
कुल
बाल
विवाहिये,
जो
कुरूप
ही
होय।
रूपवंति
कुल
रहित
तें,
करे
विवाह
न
कोय॥
स्रोत
पोथी
: उम्मेद ग्रन्थावली
,
सिरजक
: उम्मेदराम बारहठ
,
संपादक
: डॉ. मंजुला बारैठ
,
प्रकाशक
: कलासन प्रकाशन, बीकानेर (राजस्थान)
,
संस्करण
: प्रथम
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