नारायण कोई स्वप्न में, राजा भयौ कि रंक।

जागे तो है व्है जिसो, सुख दुख झूठी शंक॥

स्रोत
  • पोथी : राजस्थान का संत-साहित्य ,
  • सिरजक : नारायण दूधाधारी ,
  • संपादक : वसुमती शर्मा ,
  • प्रकाशक : राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर ,
  • संस्करण : द्वितीय