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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
कूंजा ज्यों कुरल्या करै
संत पीपाजी
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कूंजा
ज्यों
कुरल्या
करै,
बिरही
जणा
को
जीव।
पीपा
आगि
न
बुझ
सके,
जब
लग
मिले
न
पीव॥
स्रोत
पोथी
: राजर्षि संत पीपाजी
,
सिरजक
: संत पीपाजी
,
संपादक
: ललित शर्मा
,
प्रकाशक
: राजस्थानी ग्रंथागार, जोधपुर
,
संस्करण
: प्रथम