जेसळमेर दुरंग गढ़, दूठ दूदो राव।

मेघाडंबर-छत्र सिर, दोध निसांणै घाव॥

स्रोत
  • पोथी : मुहता नैणसीं री ख्यात, भाग 2 ,
  • सिरजक : आसराव रतनू