जंग नगारां जाण रव, आण धगारां अंग।
तंग लियंतां तंडियौ , तोनै रंग तुरंग॥
युध्द के नगाड़ों की आवाज सुनते ही शरीर में वीर-स्फूर्ति लाकर तंग खिंचते-खिंचते ही तू नाचने लग गया। हे तुरंग (अश्व )! तुझे शाबाश है। अर्थात् वीर पुरुषों के अश्व भी युद्धोन्मादी होते हैं।