ज्ञान सहित बैराग तो, सुख समेत गृह शोभ।

नारायण सुख ज्ञान बिन, लियैं कियैं कहा लोभ॥

स्रोत
  • पोथी : राजस्थान का संत-साहित्य ,
  • सिरजक : नारायण दूधाधारी ,
  • संपादक : वसुमती शर्मा ,
  • प्रकाशक : राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर ,
  • संस्करण : द्वितीय