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अंजस सोशल मीडिया
इनके खंडन की दवा
साहबराम राहड़
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इनके
खंडन
की
दवा,
तुझे
बताई
जोय।
याको
राखे
जगत
में,
बहुरि
न
आना
होय॥
स्रोत
पोथी
: जम्भसार, भाग-1-2
,
सिरजक
: साहबराम राहड़
,
संपादक
: स्वामी कृष्णानंद आचार्य
,
प्रकाशक
: स्वामी आत्मप्रकाश 'जिज्ञासु', श्री जगद्गुरु जंभेश्वर संस्कृत विद्यालय, मुकाम,तहसील-नोखा, जिला- बीकानेर
,
संस्करण
: प्रथम