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साइट: परिचय
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अंजस सोशल मीडिया
हसां तो मोती चुगै
लालनाथ जी
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हसां
तो
मोती
चुगै,
बुगला
गार
तलाई।
हरिजन
हरि
सूं
यूं
मिल्या,
ज्यूं
जल
में
रस
भाई॥
स्रोत
पोथी
: संत सुधा सार
,
सिरजक
: लालनाथ जी
,
प्रकाशक
: मार्तण्ड उपाध्याय, मंत्री, सस्ता साहित्य मंडल,नई दिल्ली
,
संस्करण
: प्रथम
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जसनाथ सम्प्रदाय