दूती गत चंचल चली, पोहती प्रभ पें जाई।

हेक वार आवो ऊहां, नाथी प्रभ ब्रजराई॥

स्रोत
  • पोथी : मध्यकालीन कवयित्रीयों की काव्य-साधना ,
  • सिरजक : सोढ़ी नाथी ,
  • संपादक : डॉ.(श्रीमती) उषा कँवर राठौड़ ,
  • प्रकाशक : महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध-केंद्र, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम