छिम दया हिवड़े नही, करी साँची कूत।

पीपा जे जिव पीड़ते, तै पषु सुद्र अछूत॥

स्रोत
  • पोथी : राजर्षि संत पीपाजी ,
  • सिरजक : संत पीपाजी ,
  • संपादक : ललित शर्मा ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम