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अंजस सोशल मीडिया
निरप बखता रंजियो नहीं
दलपत बारहठ
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निरप
बखता
रंजियो
नहीं,
जूनै
नरगां
जीव।
आछी
दी
अजमाल
रा,
नवा-नरग
री
नींव॥
स्रोत
पोथी
: मध्यकालीन चारण काव्य
,
सिरजक
: दलपत बारहठ
,
संपादक
: जगमोहन सिंह परिहार
,
प्रकाशक
: मयंक प्रकाशन, जोधपुर
,
संस्करण
: प्रथम
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