राणौ फसियौ राड़ में, जाहर कथा जहांन।

वेस बदल महारांण वण, मंडियौ आडौ मांन॥

ये तो इतिहास में सर्वविदित है की हल्दीघाटी के युद्ध में जब महाराणा स्वयं बड़े संकट में फँस गये थे।तब अपने स्वामी को बचाने के लिये झाला मान ने अपना वेष बदल कर महाराणा का वेष धारण किया और उन पर आक्रमण कर रहे शत्रुओं के आगे आकर उपस्थित हुआ तथा उनसे डट कर लोहा लिया।

स्रोत
  • पोथी : नारायण-विनोद ,
  • सिरजक : नारायण सिंह जोधा
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