सिद्धहि तिकै उदैराज जिकै पर रमण विरत्ता।

सिद्ध तिकै उदैराज जिके रहमाणह रत्ता।

सिद्ध तिकै उदैराज जिकै विद्या वरदाई।

सिद्ध तिकै उदैराज जिकां कछु कीध कमाई।

अवसाण सिद्ध सिद्धां जिके, सिद्ध जिके अपरमपर।

अनसिद्ध किसा उदैराज कहि, सिद्ध एक करमैत नर॥

स्रोत
  • पोथी : उदैराज बावनी (परंपरा भाग- 81) ,
  • सिरजक : उदैराज ,
  • संपादक : नारायण सिंह भाटी ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी शोध संस्थान, चौपासनी,जोधपुर।
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