सतगुरु विना न मोक्ष, भूप बिंन पटान देवे।
पातशाह बिन हुक्म, जगत की खबर न लेवे॥
समंद ने उत्तरयों जाय, नाव कास्ट बिन सोई।
हीरा रतन से मांय, भेद मरजीवा होई॥
पारस बिन बोहो पाहाण, लोहो कू आंण लगावे।
जन सुखिया सतगुरु बिना, जिव कोई मोख न जावे॥