पति गंगैव पर घड़ प्रसिद्ध नैठाह निभैनर।

काछ वाच निकळंक कमध क्यावर मुकताकर

रिणि सधीर वरवीर खत्र निरमळ सवांहण।

राउ जोध रिणमाल सुपहतां रूपक साहण।

जैमाल सुतण जगदीस जण हेत बुद्धि निरमळ हीयौ।

कलियांणदास दीठै कमळ किरि सनांन गंगा कीयौ॥

स्रोत
  • पोथी : जाडा मेहड़ू ग्रंथावली ,
  • सिरजक : जाडा मेहड़ू ,
  • संपादक : सौभाग्यसिंह शेखावत ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी शोध संस्थान, चौपासनी, जोधपुर
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