कुकड़ा रो गुण कांम, काक गुण भक्षण कीनों।
जुद्ध करण रो जोध,श्वान गुण सांप्रत लीनों।
अणपढियां में आंण, खरो गुण लीनो खर रो।
धाड़ा चोरी धर्म, घमंड गुण कीनों घर रो।
मदपांन मगन मांदा रहै, देय हकीमां दांन जू।
परणी तज पातर रखै, खरा गुणां री खांन जू॥
पढ़े फ़ारसी प्रथम, म्लेच्छ कुल में मिळ जावै।
अंगरेजी पढ़ अवल, होटलां में हिळ जावै।
पच्छ ग्रहे प्रालब्ध, नहीं पुरुषारथ नेड़ो।
चोखै मत नहिं चाय, भाय आवै मत भेड़ो।
नित असल त्याग सीखै नकल, छाज न व्हे व्हे छांणणी।
कुलखणां मांय मोटी कसर, आदत खोटी आंणणी॥
दारू मांस दपट्ट, अमल अणमाप अरोगै।
चमड़पोस रै चीठ, भँवर मादक सुख भोगै।
परणीं नें परहरै, गैर सुत गोदी धारै।
जोबन मद में जोध, सटक-सुरलोक सिधारै।
शश शिकार तीतर सुभट, कुरजां चिड़ी कबूतरा।
भायां सूं उठ भिड़ै, परम धरम रजपूत रा॥