आज करूँ आरांण निकसतां तबल निसाणां।
बीस भूजा दस बदन विहंड राळूं तज बाणां।
परगह सह परवार अरी सहमार उडाणूँ।
सुरगण ग्रंदप सुपह डहै बंध तासु छुडाणुँ।
निरबीज करूँ राकस निकर, मेटूँ फिकर त्रिलोक मिण।
धारूँ बभी खलकां धणी, तो हूँ दशरथराव तण॥